Horror story bhutiya story hindi | कमरा है। room no 303



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Horror story bhutiya story hindi flat number 303

ये horror story कहानी है भोपाल की भोपाल मैं एक होटल  hotel है उस होटल मैं एक कमरा है। room no 303  कमरे मैं जो आकर रहता है उसकी जिंदगी बदल जाते है। आखिर ये कैसे बन गया भुतहा आइये जानते है। मैं हूँ आपका दोस्त प्रियांशु ऐसे और भी कहानिया bhutiya story hindi पढ़ने क लिए हमारे साइट को सब्सक्राइब करे।


कहते है इस होटल से पहले यह एक कॉलोनी हुआ करते थी। जिसमे एक घर का नंबर था 303 ,इस घर मैं पाँच लोगो का एक छोटा परिवार रहा करता था।  सब गहरी नींद मैं सो रहे थे तब एक चोर इनके घर घुस गए लकिन चोरो द्वारा आवाज होने पे ये सब उठ गए। जैसे ये लोग चोर चोर हल्ला करने लगे चोरो ने अपने धार दर हत्यार से इनपे हमला कर दिया।  मर डाला। ये सब तो मर गए लकिन इनकी अकाल मिर्तु के कारण इनसब की आत्मा इस घर मई हमेशा लिए कैद होगये।

काफी समय तक ये घर सुनसान पड़ा रहा। लकिन 30  किसीने खरीद लिया और यहाँ एक होटल बना दिया। इस होटल मैं एक कमरे का नंबर था 303 room no 303 .जो की उस घर का नंबर था जिसमे सभी लोगो को मर दिया गया था। लकिन होटल के इस कमरे मैं अजय और उसके परिवार रहने आये उसके साथ उसकी वाइफ आशा और उसका छोटा बच्चा राजा। वो लोग 10 दिनों के लिए  आये थे। लगभग दो या तीन दिन तक सब ठीक चला लकिन उसके बाद उनलोगो को इस कमरे की सच्चई पता लगी। रात के 2 बज रहे होंगे। आशा को बहुत प्यास लगी थी।


तो वो पानी के लिए किचन मैं गए आशा जब किचन से वापस लौटी तो देखे उसका बेटा राजा बीएड पे नहीं है। बल्कि वो बालकनी के द्वार पे खड़ा था। और वो भी बिना किसी सहारे के। आशा ेगदम से चिल्लाई राजा तभी  अजय की आंखे खुल गए अजय भाग के आया तभी देखता है। उसका बीटा राजा बालकनी के देवर पे खड़ा है।



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और निचे कूदने के लिए तैयार है। दोनों बहुत ही ज्यादा घवरा  बहुत आवाज लगये लकिन वो बच्चा पीछे मुद के नहीं देखा। अजय राजा की और धीरे धीरे बढ़ा उसे [पाकर लिया। और अपनी और खींच लिया वो उसे डांट रहे थे लकिन वो उनकी बात नहीं सुन रहा था। क्युकी वो राजा नहीं उसमे किसी प्रेत की आत्मा थी। जो उससे वो का,उससे वो काम करवा  रही थी। अगले दिन फिर व्हे हुआ और राजा को फिर कूदने से  बचा लिया गया।



अब आशा को लगा कुछ बात तो है फिर उन्होंने होटल के कुछ लोगो से बात की तो पता चला की ये फ्लैट तो श्रापित फ्लैट  है। और जो काम राजा कर रहा वो नहीं बल्कि उससे करवाया जा रहा है। जब अजय और आशा बहुत दर गए तब वो एक साधु बाबा के पास गए और उन्होंने पूछा ये सब क्या होरहा है। तब साधु बाबा ने खा अगर तुम अपने बेटे को जिन्दा देखना चाहते हो तो इस होटल को तुरंत छोर के चले जाओ वर्ण तुम्हरा बच्चा जिन्दा नहीं बच पायेगा और तुम्हे बहुत बड़ी हानि हो सकती है।



अगले दिन आशा उस होटल को छोर के किसी और होटल मैं शिफ्ट होगये।

निष्कर्ष :

तो दोस्तों इसलिए कहा जाता है अगर आप किसी होटल या घर मैं जाओ तप उसके बारे मैं जान लेना चाहिए। दोस्तों अगर आपको मेरा ये  darawni kahani in hindi language अच्छे लगी तो अपने dosto के साथ शेयर करे।

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