हेलो दोस्तों आज मैं आपको सफलता के कहानिया बताऊंगा जिससे पढ़ के आपकी जिंदगी बदल जायेगे। हमारे जीवन मैं कुछ ऐसे वक़्त भी आते है जिसको हमें सहना पड़ता है और उससे मुकाबला करके खुद को आगे निकलना पड़ता है। तो चलए सुरु करते है आप इस आर्टिकल पे बने रहे।
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very inspiring story बहुत पहले की बात है एक सुनील नाम का एक लड़का था वो एक मोबाइल शॉप मैं काम करता था। एक दिन की बात है जब वो शॉप मैं था तब एक कस्टमर आता है। जिसको वो कुछ दिन पहले ही एक फ़ोन को बेचा था।
कस्टमर : सुनील ये कैसा फ़ोन को बेचते हो दो दिन मैं ही ख़राब होगया।
सुनील : क्या ख़राब होगया ?
कस्टमर : हाँ ख़राब होगया इससे अच्छा तुम भंगार की दुकान खोल लो।
सुनील : सर ये चीन की फ़ोन है इसकी कोई गारंटी नहीं होती।
कस्टमर: भाई कमसेकम दो तीन महीने भी चलना था न।
सुनील : सॉरी सर मुझे माफ़ कर दे ये फ़ोन चाइना की है इसकी कोई गारंटी नहीं होती मैं कुछ नहीं कर सकता।
सुनील को ये बात का हमेशा बुरा लगता था की उसके कस्टमर हमेशा निराश होक जाते है। तभी उसने सोचा की इस बात की शिकायत मालिक से किया जाये सयद वो इसका कोई हल निकले। वो अपने मालिक के घर गया और बोला।
सुनील : सर हमारे दुकान से सरे कस्टमर हमेशा निराश होके जाते है हम जो china phone बेचते है उससे कस्टमर का बहुत नुकसान होता है।
मालिक : तो होने दें न इससे हमें क्या मतलब है हमे अपना मुनाफा मिल रहा है और कस्टमर को भी सस्ते चीजे चाहिए। और सैलरी टाइम पे मिल रही है न तो क्या दिक्कत है। तो फिर तुम इतना क्यों सोच रहा है।
सुनील के मालिक ने उसकी एक बात नहीं सुने। सुनील को ग्राहकों का नुकसान का बुरा लगता था। लकिन वो क्या करता उसको नौकरी की भी सख्त जरूत था। सुनील वह से अपने घर को आगया। ये रोज रोज कम्प्लेन सुनकर सुनील प्रेसन होगया था। उसने सोचा वो क्या कर सकता है। सुनील ने हिसाब किताब सुरु किया। की उसके पास कितने पैसे है।
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सुनील : मेरे पास गॉव मैं कितने जमीं है अगर उसको बेच दू तो मेरे पास एक लाख रूपये होजयेगे। इतने मैं तो मैं खुद की चोरी सी दुकान खोल सकता हूँ।
अब बस सुनील ने निश्चय कर लिया की वो नौकरी छोर के खुद की दुकान खोल लेगा।
वो अपनी पत्नी से ये बात बताने गया
सुनील : गीता मैं सोच रहा हूँ मैं अपनी खुद की दुकान खोल लू।
गीता : नौकरी से तो अच्छे पैसे आरहे है तो फिर क्यों ?
her husband : पैसे है लकिन मुझे अच्छा नहीं लग रहा।
गीता: लकिन अगर दुकान चले नहीं तो क्या होगा ?
her husband : दुकान को तो चलना ही है
सुनील की पत्नी गीता को ये बात सुनकर अच्छा नहीं लगा की सुनील नौकरी छोर दिया है। ये वो बात सुनकर निराश होगई। लकिन सुनील ने निश्च्ये कर लिया था की वो दुकान खोलेगा। सुनील ने अपनी जमीं बेच दी। और उस एक छोटी से मोबाइल की दुकान खोल दी। सुनील ईमानदार था। वो सिर्फ अच्छा सामान रखता था। उसकी दुकान छोटी थी इसलिए ज्यादा ग्राहक वहा न आकर बड़ी दुकानों मैं जाया करता था।
: कोई तो रास्ता निकलना ही पड़ेगा।
उस वक़्त सुनील ने दुकान के भर गुजरने वाले ग्राहक को देखा। उसने ये देखा की ज्यादा तर मर्दो के पास मोबाइल है लकिन औरतो के पास मोबाइल नहीं है। उसने सोचा की जब मैं दुकान मैं काम करता था तब भी ज्यादा मर्द ही आते थे फ़ोन खरीदने। इस सोच के साथ सुनील घर गया।
sunil: गीता जरा पानी देना बहुत प्यास लगी है।
गीता : आप खुद ही पानी लेलो आज मेरे हाथो मैं मेहँदी लगी है।
sunil: आज क्या खास था जो तुमने मेहँदी लगये ?
गीता : अरे वो परोस की गुप्ता की देवर की शादी है। वह पे मुफ्त मैं सबकोई मेहँदी लगा रहे थे तो मैंने भी लगा ली।
ये बात सुनकर सुनील ने सोचा की औरत को मुफ्त की चीजे पसंद है। अगले दिन सुनील ने एक मेहँदी वाले को दुकान के बहार बैठा दिया ,और उप्पर लिख दिया फ्री मेहँदी। धीरे धीरे औरतो की भीड़ आने सुरु होगये। और मेहँदी लगते लगते सुनील के मोबाइल को भी देख रही थी। अब सुनील के दुकान मैं ारोतो की कदम पड़ने सुरु होगये और सुनील के फ़ोन की बिक्री भी सुरु होगये। सुनील की ये योजना काम करने लगी। फिर साडी योजनाए बनये मोबाइल के साथ सारी फ्री।
सेल्फी स्टिक सिर्फ 19 रूपये मैं। इस मार्केटिंग की वजह से उसकी दुकान औरतो मैं फेमस होगये। धीरे धीरे वो बहुत पैसे कमाने लगा और एक साल मैं वो बहुत बड़ी दुकान खोल लिया। वो अपने ग्राहकों को अच्छा मोबाइल बेचता था। इसलिए सरे ग्राहक उसके पास आते थे। ऐसा करते करते सुनील की बहुत बड़ी कंपनी खोल ली सुनील टेलकम कंपनी।
सिख : हमे इस कहानी (moral story in hindi )से यही सिख मिली की कभी किसके साथ धोखा नहीं करना चाहिए। सुनील की सफलता का कारण है उसकी अच्छाई और ईमानदारी इसलिए कहते है कर भला तो हो भला।
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