चप्पल वाले की कहानी | chappal wale ki khanai
हेलो दोस्तों आज मैं आपके लिए moral story शेयर कर रहा हूँ जो बहुत ही प्रेरणा दायक है जो आपके बच्चो के लिए मूल्यबान है।
एक समय की बात है ।अदमनगर नाम का एक गांव था जहां राम और श्याम नाम का दो भाई था । दोनों भाई एक चप्पल की बहुत बड़ी दुकान मै काम करते थे।
एक दिन की बात है दुकान के मालिक ने राम और श्याम को को अपने ऑफिस बुलाया और कहा तुम्हें आज मै एक काम देता हूं।
तुम दोनों को एक गांव जाना है।और सुनो उस गांव की एक खास बात उस गांव के लोग चप्पल नहीं पहनते है।
तुम दोनों को गांव जाकर ये सारे चप्पल बेचने है। और जो ये सारे चप्पल बेच के आगया में उसको अपने दुकान का आधा पार्टनर बना दूंगा।
ये बात सुनते ही राम बहुत खुश हुआ। श्याम बहुत उदास होगया और सोचने लगा आखिर वहां जाकर चप्पल क्यों बेचे जब वहां कोई चप्पल (chappal) पहनता ही नहीं हैं।
और राम उसका छोटा भाई था वो मालिक की बात सुनकर बहुत खुश होगया वो सोचने लगा मै तो सारे चप्पल वहां बेच दूंगा। और खूब पैसे कमाऊंगा।
अगले ही दिन दोनों भाई उस गॉव चप्पल लेके पहुँच गए। दोनों भाई गॉव पहुँच गए श्याम बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था वही पास मैं एक पेड़ के निचे जाके बैठ गया। और राम को बोलै भाई तुम चले जाओ मैं कुछ देर यही आराम करुगा।
श्याम की ये बात सुनकर राम समझ गया की इसे गॉव जाने मैं डर लग रहा। श्याम बोलै तुम चले जाओ मैं यही कुछ देर करुगा फिर राम वहाँ से अकेले गॉव की और चल पड़ा। राम गॉव पहुँच कर वहा के लोगो को चप्पल के बारे मैं बतया और चप्पल पहनने की फयदे।
कुछ लोग राम की बातो को समझ नहीं पाए लकिन फिर समझते समझते वो लोग समझ गए। बाद राम की सारे चप्पल बिक गए। फिर राम ने श्याम को भी बुलया और उसके सामने उसके सारे चप्पल को भी बिचवा दिया।
जब दोनों भाई गॉव से सारे चप्पल बेच के वापस अदमनगर आरहे थे तो श्याम ने पूछे भाई ये आखिर कैसे किया तुमने। तभी राम ने बोला भाई ये बस सोच का फर्क है ,अगर तुम सकारात्मक सोच रखोगे तो तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा ही होगा और अगर तुम नकारत्मक सोच रखोगे तो तुम्हरे साथ अच्छा नहीं होगा।
Conclusion
इस inspirational moral short stories in hindi with moral कहानी से हमें यही सिख मिलते है की हमें अपने सोच को हमेशा पोस्टिव सकारात्मक रखना चाहिए। बस हमे अपने सोच को बदलना है। अगर आपको ये कहानी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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अगले ही दिन दोनों भाई उस गॉव चप्पल लेके पहुँच गए। दोनों भाई गॉव पहुँच गए श्याम बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था वही पास मैं एक पेड़ के निचे जाके बैठ गया। और राम को बोलै भाई तुम चले जाओ मैं कुछ देर यही आराम करुगा।
श्याम की ये बात सुनकर राम समझ गया की इसे गॉव जाने मैं डर लग रहा। श्याम बोलै तुम चले जाओ मैं यही कुछ देर करुगा फिर राम वहाँ से अकेले गॉव की और चल पड़ा। राम गॉव पहुँच कर वहा के लोगो को चप्पल के बारे मैं बतया और चप्पल पहनने की फयदे।
कुछ लोग राम की बातो को समझ नहीं पाए लकिन फिर समझते समझते वो लोग समझ गए। बाद राम की सारे चप्पल बिक गए। फिर राम ने श्याम को भी बुलया और उसके सामने उसके सारे चप्पल को भी बिचवा दिया।
जब दोनों भाई गॉव से सारे चप्पल बेच के वापस अदमनगर आरहे थे तो श्याम ने पूछे भाई ये आखिर कैसे किया तुमने। तभी राम ने बोला भाई ये बस सोच का फर्क है ,अगर तुम सकारात्मक सोच रखोगे तो तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा ही होगा और अगर तुम नकारत्मक सोच रखोगे तो तुम्हरे साथ अच्छा नहीं होगा।
Conclusion
इस inspirational moral short stories in hindi with moral कहानी से हमें यही सिख मिलते है की हमें अपने सोच को हमेशा पोस्टिव सकारात्मक रखना चाहिए। बस हमे अपने सोच को बदलना है। अगर आपको ये कहानी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
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