moral stories in hindi | राजा के पैर मैं जूता कैसे आया |short hindi stories

 moral stories in hindi हैल्लो  दोस्तों आज मैं आपके बिच एक दिलचस्प कहानी inspirational moral लेके आया हूँ। जिससे बच्चो के साथ साथ बड़ो को भी पढ़नी चाहिए  तो चलए सुरु करते है बिना किसी देरी के। 
moral stories in hindi | राजा के पैर मैं जूता कैसे आया |short hindi stories



बहुत पुराणी बात है एक राज्य मैं एक राजा हुआ करता था। एक दिन राजा को घूमने और शिकार करने का मन हुआ।  वो अपने कुछ सेना के साथ जंगलो के लिए निकल पड़ा। रस्ते मई उसके पेअर मैं कंकर पत्थर चुभ गया जब वो वापस अपने महल आया तो उसके पैर मैं काफी दर्द था।  वो अपने कुछ दाशी से अपने पैर को दब्बाया। 

तभी उसके मन मैं एक विचार आया उसने सैनिको और मंत्रीओ को अपने दरबार बुलया और आदेश दिया की राज्ये की सारे सरक को चमड़े से ढँक दिया जाये। ये बात सुनकर सभी आस्चर्य चकित होगये आखिर ये कैसे होगा। इतना कठिन काम लकिन किसको हिम्मत नहीं हुए राजा के सामने इस काम को मना करने के लिए। 


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कुछ देर बाद एक बुद्धिमान चतुर मंत्री ने एक उपई  निकला वो बोलने मैं डर भी रहा था लकिन उसने हिम्मत दिखा के राजा को सुझाव दिया।  मंत्री ने बोला श्रीमान आप इतने रूपये क्यों खर्च करेंगे मेरे पास एक अच्छे उपाय है जिससे आपकी पैसे भी बच जायेगे और आपके पैर को भी कभी नुकशान नहीं होगा। 


राजा ने पूछा ऐसे कोण से तरकीब है तुम्हारे पास बताओ हमे। मंत्री डरे डरे राजा से बोलै श्रीमान पूरी सरक को चमड़े से ढकने के बजये आप ही एक छोटे चमड़े की टुरे से पैर को ही क्यों नहीं ढक लेते। राजा को ये बात अच्छे लगी उसने उस मंत्री को अपने सोने की अंगूठी देदिया और अपने लिए जूते बनवाने को कहा। 


conclusion 

इस    inspirational moral stories कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती है की जल्दबाजी मैं हमे कोई भी काम नहीं करना चाहिए हमे ऐसे उपाय के बारे मैं सोचना चाहिए जिससे हमारी कोई नुकशान न हो।

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