Best moral Stories in hindi नैतिक कहानियां बच्चो के लिए

 2 best Moral story in hindi for kids 2020

 

 

हेलो दोस्तों आज मैं आपके लिए बहुत ही मजेदार कहानियां लेकर आया जो नैतिक कहानियां भी हैं मोरल स्टोरी moral Stories in Hindi हम इस साइट पर बहुत सारी कहानियां डालते हैं इसमें से आप कुछ पड़ेंगे और अगर आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें।

Best moral Stories in Hindi for kids फल ईमानदारी का


Best moral Stories in Hindi for kids फल ईमानदारी का

बहुत वर्षों पहले की बात है एक चक्रवर्ती सम्राट राजा अमरेन्द्र था। लेकिन अब वो बूढ़ा होगया था एक जगह बैठकर वो सोचने लगा मैं अब बूढ़ा होचुका हूं मुझे अब आगे की भविष्य के लिए कोई उत्तराधिकारी चुना होगा।


लेकिन  उत्तराधिकारी चुनने के लिए उसे अपने बेटे या किसी परिवार वाले को चुनना नहीं था। एक दिन सुबह वो अपने प्रधानमंत्री से कहा।

राज्य में यह ऐलान कर दो कि राजा उत्तराधिकारी चुनने वाले हैं और सारे गांव के नौजवानों को आना है।प्रधानमंत्री ने सभी नौजवानों को न्योता दिया और अगले दिन सभी नौजवान दरबार में हाजिर हो गए।


सम्राट अमरेंद्र ने बोले मैं अब बूढ़ा हो  चला हूं अभी यही समय है कि मैं एक उत्तराधिकारी चुनू जो इस राज्य को अच्छे से चला सके। मैंने तय कर लिया है कि आप लोगों में से ही कोई एक इस राज्य का उत्तराधिकारी बनेगा।

ये बात सुनकर सभी हैरान होगया। तभी राजा बोले मैं आप सबको एक बीज देने वाला हूं और हम चाहते है आप इस बीज को घर जाके बोए। और 1साल बाद आए तभी तय करूंगा भ्विष्य का उत्तराधिकारी कौन होगा।


उन नौजवानों के बीच एक नौजवान था। जिसका नाम महेंद्र था उसी भी वह बीज मिला वह बीज लेकर अपने घर गया।

वो उस बीज को अपने मा को दिखता है उसकी मां एक गमला लेके आयी और मेहंद्र को बोली इसमें बीज लगाओ। लेकिन एक बात बताओ तुम ये बीज कहा से लेके आए तो उसने अपनी मां से सारी बात बताया।


वो अपने बीज को रोज देखता था लेकिन उसकी बीज मै कोई बिर्धी नहीं हुए थे वो जब अपने दोस्तो से मिला तो वो सब बोल रहे थे मेरे बीज तो बढ़ गए है। ये सुनके वो बहुत उदास होगया वो और भी लोगो से पूछा तो सबके सब बोल रहे थे मेरे भी बीज बड़े होरहे है।


1साल बीत गया राजा ने सभी नवजवानों को बुलवाया अपने राजमहल और सबके गमले को सामने रखने को बोला।  लोगो ने जब महेंद्र के पौधे को देखा तो सब हसने लगे। तभी राजा ने उसे बुलाया तुम उदास क्यों  हो।

फिर राजा ने  जब उसके गमले को देखा तो वो बोला आज से ये इस राज्य का उत्तराधिकारी रहेगा क्योंकि मैंने सभी को उबले हुए बीज दिए थे।


आप सबों ने इसके बदले कोई और बीज लगा के पौधे लेकिन महेंद्र ने ऐसा नहीं किया यह इस राज्य का उत्तराधिकारी पढ़ने के लिए बहुत ही अच्छा है।


तो बच्चो अपने इस कहानी से क्या सीखा यही की हमे हमेशा ईमानदार रहना चाहिए।



Hello everyone if you like moral Hindi Stories then subscribe my sikheyha for more latest Stories


लोमड़ी और शेर की कहानी lomri aur sher ki moral Stories in hindi


लोमड़ी और शेर की कहानी lomri aur sher ki moral Stories in hindi

एक जंगल में एक होशियार लोमड़ी रहती थी जो बहुत ही खुखर थी और जंगल में गुफा के अंदर रहती थी वह जब भी बाहर निकलती थी कुछ ना कुछ किसी को मारकर खा लेती थी 1 दिन ऐसा हुआ उसको एक भी शिकार नहीं मिला।


रास्ते में चलते चलत मन ही मन सोच रही थी कल का दिन बहुत ही बुरा रहा कुछ भी नहीं मिला खाने को लेकिन आज खाना मिलेगा।


ऐसा सोचते सोचते हो जंगल की ओर चल पड़ी। उसी जंगल में एक शेर रहता था लेकिन उसे भी कुछ खाने को नहीं मिल। वह जंगल में घूमते घूमते लोमड़ी के गुफा के पास पहुंचा गुफा के पास उसे एक कुछ खाने की सुगंध आ रही थी।


वह सोचा शायद इस गुफा के अंदर कोई रहता है चलो इसके अंदर जाकर देखते हैं और वह उसके अंदर चला गया अंदर जा गया तो देखा कुछ भी नहीं था मैं खाना था ना कोई जानवर अंदर में था वह सोचा आज यही बैठता हूं देखता हूं कोई आता है अगर कोई आया तो उसे खा जाऊंगा।


लोमड़ी जब वापस जंगल से शिकार करके अपनी गुफा की ओर आ रही थी तभी उसने पैरों के निशान देखे पर निशान देखते ही वह सोचने लगी यह पैरों के निशान यह तो किसी बड़े जानवर की लग रही है।

लेकिन यह मेरी गुफा में की ओर क्यों जा रहा है यह गुफा की ओर जा रहा है लेकिन वापस नहीं आ रहा है फिर वही सोचने लगी फिर वह गुफा के पास जाकर देखी तो अंदर जाने की निशान थी लेकिन बाहर आने की कोई निशान नहीं दिखी वही सोचने लगी।


वहां खड़ा होकर सोचने लगी कि शेर अभी भी अंदर ही है या बाहर गया कैसे पता करू उसे एक आईडिया आया।वो गुफा से बात करने लगी कैसे हो मेरी गुफा जैसे ही लोमड़ी की आवाज सुन वैसे ही शेर खुश होगया।

उसके मुंह में पानी आगे आ गया और सोचने लगा आज मैं थोड़ी देर यहीं बैठता हूं और लोमड़ी का इंतजार करता हूं और जब आएगी मैं उसे खा जाऊंग।


वो फिर से गुफा से बात करने लगी क्या हुआ गुफा आज तुम इतनी संत क्यों हो अगर आज तुम कुछ नहीं बोलोगे तो हूं अंदर नहीं आयेंगे। शेर सोचा लगता है गुफा इससे बात करते है ।और वो बोल उठा कैसी हो लिमरी आज का दिन कैसा रहा।


लोमड़ी समझ गई कि शेर अंदर ही बैठी है इसको बाहर कैसे निकालू। वो व्हा से भाग गई शेर बहुत देर इंतजार किया फिर बाहर निकला देखा कोई नहीं था फिर सोचा क्या करू यहां इंतजार करके कोई नहीं है। लोमड़ी ने तो मुझे उल्लू बना दी।


इसलिए दोस्तो हमेशा संकट के समय मै सूझ बूझ से काम करना चाहिए और संकट से बाहर आना चाहिए। दोस्तो अगर आपको हमारा ये moral stories in Hindi पसंद है तो फॉलो करे।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Close Menu