South india horror station bhutiya station दक्षिण भारत का ये मुर्दों का रेलवे स्टेशन। Haunted Railway Station


South india horror station bhutiya station दक्षिण भारत का ये मुर्दों का रेलवे स्टेशन। Haunted Railway Station

दक्षिण भारत का ये मुर्दों का रेलवे स्टेशन।South india horror station bhutiya station दक्षिण भारत का ये मुर्दों का रेलवे स्टेशन।

 

दक्षिण भारत जहां मैं और मेरे बहुत से साथी पूर्व भी भारत से रोजगार के चलते प्रवासी मजदूर बन गए थे। वैसे यहां पर तो अच्छी बात थी। 

पहली मजदूरी भत्ता बहुत अच्छा था और दूसरा काम 12 महीने मिलता था। इस कॉन्ट्रैक्ट ठेकेदार के अंदर सभी काम करते थे। वह ठेकेदार सरकारी ठेका लिया करता था। 

 

कभी प्रतिष्ठान की मरम्मत तो कभी रेलवे स्टेशन की मरम्मत और ऐसी ही कई काम और उस रोज जब हम  फुटपाथ की मरम्मत में लगे थे तो हमारे ठेकेदार ने हमारे पास आकर कहा तो  पास के रेलवे स्टेशन। वहां दो-तीन घंटे का एक काम है, ठीक है जाते-जाते मुझसे बोला सुनो तुम सारा काम सही से करवा देना उस शिकायत नहीं आनी चाहिए।

 रेलवे विभाग से पेमेंट अटकने में टाइम नहीं लगेगा और मेरे साथी उस रेलवे स्टेशन पर मरम्मत का काम करने पहुंचे तो पाया कि स्टेशन काफी बड़ा है मगर वहां पर मुसाफिर नजर नहीं आ रहे थे और ना ही कोई अनाउंसमेंट हो रही थी जैसा कि आमतौर पर रेलवे स्टेशन पर होता है कि हमें तो काम करने से मतलब है। 

 पहले मैं स्टेशन मास्टर से मिलने गया था कि उन्हें सूचित कर दू  कि हम लोग आ गए हैं उनसे मिलने के बाद। मैंने उन्हें बता दिया कि हम काम शुरू कर रहे हैं तो इस पर स्टेशन मास्टर ने कहा, सुनो 2 घंटे के बाद तुम लोग यहां मत रुकना चाहे काम खत्म हो या ना हो। 

यहां से निकल जाना ब। मगर मैंने उस पर सवाल जवाब में अपना टाइम खराब नहीं किया और अपना काम शुरू कर दिया। हमें काम करते करते 2 घंटे होने को थे। मगर काम अभी भी काफी बाकी था। तभी मेरी नजर स्टेशन मास्टर पर पड़े जो  स्टेशन से बाहर जा रहा था।  

मैं अपने काम में लगा रहा फिर कुछ देर बाद स्टेशन की सारी लाइट। करके पूछने लगी थी और कुछ ही देर में पूरा स्टेशन रात की काली रंग में पूरी तरह से डूब गया। ऐसी में हमारा वहां पर काम करना बेहद मुश्किल हो गया था। साथी हम तीनों को डर भी लगने लगा था।

 एक तो पहले से ही पूरा स्टेशन खाली पड़ा था। ऊपर लाइट  बुझने के बाद यह पल भर भी रुकना बड़ी। हिम्मत वाली बात थी। मैं अभी अपने दो साथियों को यही समझा रहा था कि चिंता मत करो, अभी लाइट आ जाएगी। शायद कोई टेक्निकल प्रॉब्लम आई होगी तभी हमें होरन सुनाई पड़ी जो कि किसी ट्रेन की थी। 

 हम सभी प्लेटफार्म की ओर देखने लगे । फिर में ट्रेन के आने की आवाज सुनाई देने लगी। दिखाई नहीं दे रही थी। ट्रैन  आए और रुके मगर हमें सिर्फ आवाज ही आ रही थी। वजह से हम तीनों बहुत ही ज्यादा घबराने लगे और अभी भी वही खड़े थे।

 तभी हमें फिर से आवाज आई जिससे हमें लगा कि ट्रैन  अब आ चुकी है। यह सब होता देख मेरी दोनों साथी वहां से भाग खड़े हुए और मैं वहां पर अकेला रह गया। ऐसे में मैं भी वहां से निकलने के लिए बाहर जाने के लिए बोला ही था कि तभी जब से लाइट आ गई लाइट के आते ही मुझे लगा की प्लेटफार्म पर कुछ है। 


ऐसे में पीछे प्लेटफार्म की ओर पलटा तो देखा कि वहां पर बहुत सारी लासे  हैं। जो जली  हुई है। उन लाशों को देखते ही मेरी तो जान ही निकल गई थी क्योंकि वह सारे मरते मरते हुए मेरी ही ओर बढ़ रहे थे। तभी मैं तुरंत वहां से भागा और जैसे ही स्टेशन के बाहर निकला कि मुझे सामने से स्टेशन मास्टर आता हुआ नजर आया। 

तभी मैं तुरंत उसके पास किया और उसे सारी बात बताने की कोशिश करने लगा। मगर मैं इतना ज्यादा घबराया हुआ था कि मेरे मुंह से कुछ भी ठीक से निकल नहीं पा रहा था। तभी स्टेशन मास्टर ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हो। बोला तुम्हें कहा था। कि 2 घंटे में चले जाना तो फिर तुम गए क्यों नहीं। 

फिर मैं अभी भी उसके सवालों के जवाब देने की स्थिति में नहीं था। इस वजह से उस स्टेशन मास्टर ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने साथ वापस स्टेशन ले जाने लगा। मैंने झट से अपना हाथ मिलाते हुए उससे कहा, वह तो बहुत है तभी स्टेशन मास्टर ने कहा, हां, बहुत है तो मगर अब कोई खतरा नहीं है। जब हम स्टेशन पर पहुंचे तो वहां पर सब कुछ सामान्य था। 

स्टेशन मास्टर मुझे अपने साथ ऑफिस में लेकर आ और पानी देते हुए कहा। बहुत पहले इनकी पिंकी बोगी में आग लग गई थी और देखते ही देखते उस आग ने पूरी टीम को। चपेट में ले लिया था जिसके चलते बहुत से लोग जलकर मर गए और ट्रेन यहीं पर आकर अपने आप को की थी और उन सभी लोगों की लाशें यहीं पर उतारी गई थी।

 तब से ट्रेन कब कब यहां पर नजर आ जाती है और इसलिए हम सभी लोग रात के 1:00 बजे के बाद स्टेशन बंद कर देते हैं और फिर कुछ देर बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है।

 रात  भर स्टेशन में बिताने के बाद जब मैं वापस लौटा तो पता चला कि मेरे दोनों साथियों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वो दोनों भी गंभीर रूप से जल गए थे। मगर कैसे कभी पता नहीं चला क्योंकि वह भी कुछ दिनों बाद हॉस्पिटल में ही मर गए थे तो दोस्तों इस कहानी में बस इतना ही। कहानी आपको पसंद आई हो तो लाइक शेयर करें। 

 

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